IPC और CRPC में क्या फर्क है पढ़िए डिटेल में

World Affairs के सेगमेंट मैं आज हम एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट टॉपिक पर डिसकस करने वाले हैं । आई. पी. सी. और सी.आर.पी.सी. (IPC और CRPC)में क्या डिफरेंस है । इंडियन पीनल कोड 1860 एंड सी.आर.पी.सी.1973 । मुझे बहुत सारे मेल के माध्यम सी, फेसबुक पर ट्विटर पर और यूट्यूब Blog पर भी कमेंट बॉक्स में बार बार ये प्रशन पूछा जा रहा है के सर आप आई. पी. सी. और सी.आर.पी.सी. मैं क्या डिफरेंस है समझाईए। तो आई. पी. सी. का पूरा नाम है इंडियन पीनल कोड 1860 का ये कानून है। पूरा नाम है इंडियन पीनल कोड। हिंदी मे इसे दो नामो से जाना जाता है, एक है भारतीय दंड सहिता और दूसरा है भारतीय दंड विधान ।

उर्दू में इसे कहतें है ताजइराते हिन्द, आप ने फिल्मो में देखा होगा की जज कभी भी जजमेंट पास करते है तो वो लिखता है ताजइराते हिन्द दफा 302 में फांसी दी जाती है। तो ये ताजइराते हिन्द कुछ और नहीं हमारी आई. पी. सी. है और दफा धारा और इंग्लिस मई इसे सेक्शन कहते है । तो धारा या और सेक्शन का क्या मतलब है ये भी समज ले। ये धारा या सेक्शन लगातार संख्याओं को कहते है। आई. पी. सी. मे कुल मिलाकर के 511 धाराएं है , फाइव हंड्रेड एलेवेन सेक्शंस और ये 23 चैपटर 23 अधियओं में बटा हुआ है।

ये है हमारी आई. पी. सी. जो 1860 मे आई। फर्स्ट लॉ कमीशन भारत मे फॉर्म किया गया था 1834 मे ।1834 मे पहला विधि आयोग बनाया गया था।इस के चेयरपर्सन बनाए गए लार्ड मैगालेसा ।लार्ड मैगालेसा की अधियक्षता मे ये ड्राफ्ट तैयार किया गया इंडियन पीनल कोड का और आप की जानकारी के लिया बताऊं, विश्व का सबसे बड़ा दाण्डिक संग्रह मतलब इस से बड़ा दाण्डिक कानून और पूरा विश्व में कोई नहीं है । ये है हमारी आई. पी. सी.। फिर बात करते है सी.आर.पी.सी. क्या है ।

तो सी.आर.पी.सी. का फुल फॉर्म है कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर इसे हिंदी में कहते है दंड परक्रिया सहिता। तो आई. पी. सी. और सी.आर.पी.सी. में क्या डिफरेंस है उस में जाने से पहले में एक्साम्प्ले लू मेने आपको अभी बताया ऐसा कोई भी काम जिस के लिया आप का अंतर मन कहता है की वो सही नहीं है वो गलत है उस काम को 1860 की आई. पी. सी. में पनिशेबल बना दिया गया है ।

Constitution and IPC  IPC और CRPC
Constitution and IPC

जस्ट सोचे की हम अभी 2018 में है और में बात कर रहा हूँ 1860 की और ये भी ड्राफ्ट तैयार हुआ था 1834 में , तो कितना एडवांस लोग रहे होंगे की आज हम जिस काम को कर रहे है उस को उस समय पनिशेबल बना दिया गया था। फॉर एक्साम्पल अगर आप किसी भी सड़क पर किसी रोड पर चलते है तो वहां स्पष्ट ये मैसेज लिखा होता है की इतने से ज्यादा स्पीड में आप वाहन नहीं चलाएँगे। व्हीकल की स्पीड लिमिट होती है । अगर आप नेशनल हाईवे पर भी चले जाए तो वह भी स्पीड लिमिट होती है ।

वो 90 किलोमीटर पर हॉर्स ये 100 किलोमीटर्स पर हॉर्स की होगी। तो अगर आप ने उस स्पीड लिमिट को क्रॉस किया, मतलब आप कुछ गलत कर रहें है और आप को बताऊं आई. पी. सी. मैं सेक्शन 279 है जो ये कहते है की रश ड्राविंग या उपेक्षा पूर्ण वाहन चलाने के लिए दंड का प्रावधान है । ईटी इस पनिशेबल ओफ्फेंस और 6 महीने का कारावास 6 महीने की सजा हो सकती है।

IPC और CRPC

तो आइए चलते है आई. पी. सी. और सी.आर.पी.सी. में क्या डिफरेंस है ये जानने के लिए। तो लॉ को जब हम कानून की बात करते है तो दो सेगमेंट में बाटा जाता है । एक है सब्सटैंटिव लॉ और एक है प्रोसीज़रल लॉ में वापिस शब्द उसे सब्सटैंटिव लॉ और प्रोसीज़रल लॉ । सब्सटैंटिव लॉ को कहते है मौलिक विधि जबकि प्रोसीज़रल लॉ कहलाती है प्रक्रिया विधि । तो सब्सटैंटिव लॉ और प्रोसीज़रल लॉ को फिर से दो दो पार्ट में बाटा जाता है ।

सिविल लॉ और क्रिमिनल लॉ । सिविल कानून और दाण्डिक कानून। सिविल कानून के लिए एक और शब्द उर्दू में है और वो है दिवानी विधि और दाण्डिक कानून को फौजदारी कानून कहा जाता है । धयान से समझेयगा बहुत टेक्निकल शब्द में समझा रहा हु और कोशिश ये है की बहुत आसानी से आप को समझा पाऊं। वापिस से रिपीट करता हूँ । सिविल कानून को कहा जाता है दिवानी विधि और दाण्डिक कानून को फौजदारी विधि। इंगलिश में सिविल लॉ और क्रिमिनल लॉ ये सब्सटैंटिव और प्रोसीज़रल लॉ के फिर पार्ट्स है तो उस के प्रकार है। तो आई. पी. सी. और सी. आर.पी.सी. ये दोनों ही क्रिमिनल लॉ में आते है ।

आई. पी. सी. सब्सटैंटिव लॉ है और सी.आर.पी.सी. क्रिमिनल लॉ है । तो सी.आर.पी.सी. और आई. पी. सी. ये सब्सटैंटिव और प्रोसीज़रल लॉ क्या कहते है । ये भी समझते है । आई. पी. सी. अपराध की परिभाषा करती है और दंड का प्रावधान करती है । रिपीट करूं आई. पी. सी. डिफाइंस ओफ्फेंसेस एंड प्रोविडेंस पनिशमेंट फॉर ईटी । अच्छा अपराध की परिभासा क्यों जानना है ये भी इम्पोर्टेन्ट है समझे क्यों की आम आदमी को समझ में ही नहीं आता की अपराध कौन सा हो रहा है। जैसे एक्साम्पल के लिए 5 लोगो ने किसी आदमी को सड़क पर रोका और उस से कोई सामान उस से छीन लिया। उस का घड़ी निकाल ली उस का परस निकाल लिया या

उस के गले से चैन ले ली और पेपर में छपता है की 5 लोगो ने इक व्यक्ति को सरे राह लुटा। ये ही छपता है पेपर में आप ने भी पड़ा होगा। क्या ये लूट है ये 2 लोग रात के समय किसी बैंक में घुसते है और वहां से 5 करोड़ रुपया निकाल लेते है ताला तोड़ कर । पेपर में छपता है की 2 लोगो ने बैंक में डकैती डाली तो क्या ये डकैती है । तो इस का उतर नहीं । तो ये दोनों चीजे गलत छपी है ये गलत जानकारी आप तक पोहचाई जा रही है । तो कोनसा अपराध हुआ ये देखना के लिया आई. पी. सी. का पना खोल कर देखना होगा।

जहा ये लिखा है की 5 लोगो अगर मिल कर कही लूट करते है तो वो डकैती है । इस का मतलब क्या हुआ, वो जो 5 लोगो ने उस आदमी को रासते में रोका उस से सोना की चैन ये घड़ी ले ली उन्होने डकैती की है । स्पष्ट है और दूसरी बात वो जो 2 लोग बैंक में घुसे थे तो लॉ ये कहते है की 2 लोग कभी भी डकैती नहीं कर सकते।

डकैती के अपराध के लिए कम से कम 5 लोगो के होना जरूरी है । दूसरी इम्पोर्टेन्ट बात है किसी को भै देना, डराना, धमकाना , थ्रेटनिंग करना ये डकैती का इम्पोर्टेन्ट एलिमेंट है । बैंक में क्या हुआ किसी को धमकाया, इस का उतर नहीं । हम ने बताया रात के समय ताला तोड़ कर बैंक से पैसा निकाल ले गए। तो लॉ ये कहते है की डिस ओनेस्टली किसी प्रॉपर्टी को कही से ले जाना ये चोरी है । तो बैंक में चोरी हुई रात के समय डकैती नहीं हुई।

IPC और CRPC
IPC & CRPC

अगर ये ही काम दिन में होता जहा पर मे बैंक में कोई केशियर होता, गार्ड होता, लोग होते इनको डरा कर बन्दूक की नोक पर 5 करोड़ रुपया ले जाते ये लोग अगर 2 होते तो वो लूट होता और 5 होते तो ये डकैती होती । बहुत आसान सी बातें है और मुझे उम्मीद है की बहोत इसिली मैं समझा पा रहा हूँ तो ये सारी परिभाषाएं कहा मिलेगी आई. पी. सी. में। बीच में भी एक न्यूज़ आई थी जहा पर में एक्सिस बैंक ने अपने गार्ड और A T M वैन के साथ में कुछ पैसे A T M में भिजवाए शायद 2 करोड़ रुपए कुछ थे और

रास्ते में ऐसा हुआ की गार्ड वैन से उतरा और ड्राइवर उस गाड़ी के कैश लेकर के कही चला गया आगे निकाल गया और वो गाड़ी पकड़ा ही नहीं। मुझे लगता है शायद 8 -10 घंटे का समय लगा होगा गाड़ी पकड़ में आने में । पुलिस को 2 दिन लगेंगे ये समझने में की ये कोनसा ओफ्फेंस हो गया । क्या ये चोरी हुई है, क्या ये डकैती है, क्या ये लूट है तो आप की जानकारी के लिए इन में से कुछ भी नहीं हुआ। ना तो उन पैसो की चोरी हुई, ना लूट हुआ और ना ही डकैती हुई ।

ये दूसरा तरह का अपराध है जिसे कहा जाता है क्रिमिनल ब्रीच ऑफ़ ट्रस्ट आपराधिक नयास भंग। जहा एक प्रॉपर्टी दूसरा को सोपी गयी है और जिस को सोपी गए है वो अगर उस प्रॉपर्टी को लेकर चले जाये या चोरी कर ले या लूट कर ले ये उस प्रॉपर्टी के साथ भाग जाए । तो यहाँ प्रॉपर्टी किस को इंटरेस्ट की गए थी

उस ड्राइवर को जो वैन में था और उस गार्ड को अगर वो ही लोग उस प्रॉपर्टी को लेकर चले गए है तो ये ब्रीच ऑफ़ ट्रस्ट ना की लूट, डकैती या चोरी । तो ये परिभाषायें कहा मिलेगी ये मिलेगी आई. पी. सी.। अब यहाँ अपराध तो हो गया और ये भी पता चला की पनिशमेंट कितना मिलना है । जैसे एक्साम्पल के लिए अगर कोई चोरी करता है तो चोरी के लिए सेक्शन 379 में 3 साल का कारावास हो सकता है 3 इयर्स इम्प्रैसनमेंट और फाइन, जुरमाना भी होगा ।

IPC और CRPC

लकिन वही अगर ये घर मैं या किसी प्रमाइसिस में हुआ है ये चोरी , चोरी बाहर कही हुई है तो 3 साल का कारावास है लकिन अगर किसी घर में, बिल्डिंग में, प्रमाइसिस में, किसी परिसर में हुआ है तो धारा 380 आई पी सी में हम जायगे और यहाँ 7 साल का कारावास हो सकता है। 7 इयर्स इम्प्रैसनमेंट अब अपराध हो गया, सजा हो गई। इस के लिए प्रक्रिया क्या होगी । मतलब व्यक्ति ग्रिफ्तार कैसे किया जायेगा, जमानत कैसे दिए जायगे, जमानत के लिए एप्लीकेशन कहा किया जाएगा, पुलिस के कार्य क्या है , मजिस्ट्रेट के कार्य क्या है, वकील के कार्य क्या है ये सारी बातें प्रक्रिया के अंतर्गत आती है।

गिरफ़्तारी के तरीके कैसे होंगे , गरिफ्तारी के बाद व्यक्ति जेल में कितने दिन रखा जाएगा। मजिस्ट्रेट के सामने उसे कब उपस्तित करना होगा। ये कई सारी बातें है जो सी.आर.पी.सी. में मिलेगी। वो है कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर। तो एक है परिक्रिया सहिंता और एक है दंड सहिंता। वापिस से शार्ट में समझाऊ । आई. पी. सी. मौलिक विधि है सब्सटैंटिव लॉ है जो बात करती है अपराध की परिभाषा के बारे में और दंड के प्रावधान के बारे में। सी.आर.पी.सी. प्रक्रिया विधि है जो अपराध हो जाने के बाद या पहले की प्रक्रियों के बारे में बात करती है । तो मुझे उम्मीद है की ये वीडियो आप को बहुत पसंद आया होगा । [ ये भी पढ़े : इनकम टैक्स ऑफिसर कैसे बने पढ़े हिंदी में ]

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