हैडफ़ोन कान के लिए कितना खतनाक है ? Why earphone harmful to the ear
हैडफ़ोन कान के लिए कितना खतनाक है ?
हर रोज रास्तों पर आपको हजारों लाखों लोग दिखते होंगे और इन हजारों लाखों लोगों में आपको ऐसे कई लोग दिखेंगे जो कान में हैडफोन लगाकर घूमते हैं और शायद आप भी ऐसा ही करते होंगे।
लेकिन आपको पता नहीं कि हैडफोन आप के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। इन कुछ सालों में हैडफोन का चलन बहुत तेजी से बड़ा है। पर हैडफोन में म्यूजिक सुनने वाले ऐसे कई लोग जो बहुत तेज आवाज में म्यूजिक सुनते हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं तो ये बात जानना आपके लिए बेहद जूरुरी है

How to use earphones without damaging ears :
अगर आप 90 डैसीबल से ज्यादा की आवाज में हैडफोन पर म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं तो इतना जान लीजीए की आपका एन.आई.ऐच.एल (NIHL) यानी की नाईस इनड्यूस हैयरिंग लास के शिकार हो रहे हैं और बहुत जलद ही बहरे होने वाले हैं।
जी हां इतनी तेज आवाज में अगर आप गाने सुनते हैं तो इससे आपके कान पूरी तरह खराब हो सकते हैं और आप बहरे हो सकते है और आपका ये बहरापन टैंपरेरी भी हो सकता है और परमानैंट भी। इसके इलावा ऐसे भी कई लोग हैं जो 100 डैसीबल से उपर तेज आवाज में गाने सुनना पसंद करते हैं |
इतनी तेज आवाज में गाने सुनने में मजा तो बहुत आता है लेकिन जब आप हैडफोन अपने कान से उतारते हैं तो आपने महसूस किया होगा कि आपके कान सुन्न हो जाते हैं और इतने तेज आवाज में गाने सुनने से आपके कान पूरी तरह से खराब हो सकते हैं। आप जीवनभर के लिए बहरे भी हो सकते हैं।
Survey : प्रसिक्ष्ण
हाल ही में इस पर एक सर्वे किया गया था और उस सर्वे में ये पता चला की जो लोग रात के समय याँ दिन में काफी समय तक हैडफोन का इस्तेमाल करते हैं उनके कान धीरे धीरे सुन्न होने लगते हैं।
आपने भी गौर किया होगा कि [ Why earphone harmful ]जब आप काफी देर तक हैडफोन का इस्तेमाल करते हैं और जब हैडफोन को बाहर निकालते हैं तब आप बाहर की आवाज़ को अच्छी तरह से सुन नहीं पाते और कुछ देर बाद ही आपको बाहरी आवाज़ नारमल तरीके से सुनाई देने लगती है।
ऐसा इस लिए होता है क्योंकि सुन्न होने की वजह से आपका दिमाग उन आवाज़ों को समझ नहीं पाता और हमें ऐसा लगता है कि हमें कुछ सुनाई नहीं दे रहा। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो जितना जल्दी हो सके इस हैडफोन की लत को अपने से जुदा कीजिए।
हैडफोन का इस्तेमाल ज्यादा करने वाले लोगों के मुँह से आपने हमेंशा ये बात सुनी होगी कि उन्हे कई बार अजीब आवाज़े सुनाई देती हैं। ऐसा लगता है कि उनके कान के आसपास कोई मधुमक्खी घूम रही है ये एक ऐसा बज्जींग सांऊड होता है जो उनका पीछा कभी नहीं छोड़ता। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो जान लीजिए कि ऐसा होता क्यों है।

Does wearing headphones increase bacteria in the ear / क्या ईरफ़ोन प्रयोग करने कान में बक्ट्रिया बढ़ते है
अगर आप भी काफी देर तक हैडफोन लगाकर लाऊड म्यूजिक सुनते हैं तो आपने गौर किया होगा कि आपको भी कई बार फोन की घंटी की आवाज या मधुमक्खी की तरह बज्जींग साऊड या फिर इसी तरह की अजीबो गरीब आवाजे सुनाई देती होंगी। ये सारी चीजें आपके लाऊड म्यूजिक सुनने की वजह से होती हैं।
आपके कान के अन्दर बहुत सारे हेयर सेलस होते हैं जो कान के अन्दरूनी हिस्से कोकलीया में पाये जाते हैं, आपके कान में छुपे यही हेयर सेल साऊडवेव को नर्व सेलस तक ट्रांसफारम करते हैं
और नरवसेसल आपके दिमाग तक जहाँ इन्टरप्रेटेशन होता है इस साउड का और दिमाग समझ पाता है ये सांग बज रहा है क्या हो रहा है कौन बोल रहा है कैसी आवाज आ रही है किसकी आवाज आ रही है।
लेकिन जब आप लाऊड म्यूजिक सुन रहे होते हैं तो आपका दिमाग इन नर्व सेलस से प्रापर सिगनल रिसीव नहीं कर पाता और इसी वजह से आपके कानों में अजीबो गरीब आवाजे सुनाई देने लगती है जिसे इरीट्स भी कहा जाता है। ये असल में एक तरह की बीमारी है जो हमेंशा हैडफोन इस्तेमाल करने वाले लोगों में अकसर पाई जाती है।

इन सारी बातों आप अबतक समछ चुके होंगे कि एक हैडफोन आपके लिए कितना खरतरनाक हो सकता है। लेकिन बात यहीं पर खतम नहीं होती आपको जानकर हैरानी होगी कि हैडफोन लगाने से इससे भी बड़े बड़े नुकसान हो सकते हैं।
अकसर हम अपनी दोस्ती यारी में अपने हैडफोन अपने दोस्तों यारों को दे देते हैं अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आज से ही ऐसा करना तुरंत बंद कीजिए। क्योंकि जब आप अपना हैडफोन अपने दोस्तों को देते हैं तों उनके कानों में लगा बैकटीरीआ [ Why earphone harmful ]आपके कानों तक हैडफोन के जरीए पहुंच सकता है और फिर कान से संबंधित आपको बीमारीयां हो सकती हैं कई बीमारीयाँ हो सकती है।
इसी लिए अपने हैडफोन कभी किसी के साथ शेअर मत कीजिए। अब भले ही आज के समय हैडफोन इंसान की जरूरत बन चुकी हो और शायद ऐसे कई लोग हैं जो बिना हैडफोन के रह नहीं सकते लेकिन आपने उनके बिहेविअर में कुछ ना कुछ चेंजिज़ जरूर देखें होंगे।
Side effects of using earphones for long time / दुष्प्रभाव ईरफ़ोन लगाने के
आपने देखा होगा कि ज्यादा हैडफोन इस्तेमाल करने वाले लोग ज्यादा चिड़चिड़े जो जाते हैं उन्हें छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आने लगता है। असल में ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हम हैडफोन के जरीए बहुत ज्यादा लाऊड म्यूजिक सुनते हैं इससे हारमोनज और पारटीसोल बहुत अधिक मात्रा में रिलीज होने लगता है इसकी वजह से हमारे शरीर का बल्ड प्रैशर कोलेस्ट्राल तेजी से बढ़ने लगता है
और ये दिमाग को पूरी तरह से डिस्ट्रब कर देता है व्यक्ति जरूरत से ज्यादा चिढ़चिढ़ा हो जाता है उसे छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आने लगता है। इसलिए अगर आप भी हैडफोन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो आज से ही बंद कर दीजिए नहीं तो आपका ये चिढ़चिढ़ा पन आपके अंदर ढेर सारी बीमारीयां पैदा करने में वक्त नहीं लगाएगा।
और इसके इलावा ये लाऊड म्यूजिक आपके पूरे शरीर को डिसटर्ब कर सकता है या आप ये कह सकते हैं कि आपको बहुत ज्यादा बीमार कर सकता है। लाऊड म्यूजिक सुनने से आपके शरीर की कोशिकाएं पूरी तरह से डैमेज हो सकती है और इन कोशिकाओं पर इस लाऊड म्यूजिक का बहुत गलत इफैक्ट पड़ता है।
कान में दर्द होने के कारण / Why earphone do pain in ear.
अचानक आपके शरीर पर कहीं पर भी दर्द होना शुरू हो सकता है और ये सारी चीज़ें इस हैडफोन की वजह से होती है। इसलिए अगर हैडफोन का इस्तेमाल आप करते हैं तो एक लिमिटिड समय के लिए कीजिए क्योंकि कोई भी चीज़ जरूरत से ज्यादा हानीकारक होती है। बाजारों में आज के समय हैडफोन बनाने वाली ढेरों कंपनीयां है और हर कंपनी यही दावा करती है कि उनका हैडफोन बाकी कंपनीयों से कहीं ज्यादा बेहतर है।
अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो इस ख्याल को अपने दिमाग से निकाल दीजीए क्योंकि हैडफोन बनाने वाली कंपनी कितनी भी अच्छी हो हैडफोन आपके लिए खतरनाक है। आज के समय कई हैडफोन मारकीट में उपलब्ध है जो नाइस कैंस्लेशन को काफी ऊँचे लेवल तक पहुंचा चुके हैं |
Why earphone harmful
यानिके इस हैडफोन को लगाने के बाद आपको बाहर की एक आवाज सुनाई नहीं देगी क्योंकि इन हैडफोन को ऐसा बनाया जाता है कि आपके कान में पूरे तरीके से फिक्स हो जाते हैं और इसके बाद हवा भी आपके कान के अन्दर नहीं पहुच सकती लेकिन ये हैडफोन आपके कान के लिए कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
और आगर आप भी इस तरह के डिवाइसिज का इस्तेमाल रोजाना करते हैं रैगुलर करते है तो इसे तुरंत बंद कर दीजीए। क्योंकि ऐसे डिवाइसिज को लम्बे समय तक इस्तेमाल करने से आप धीरे धीरे बेहरेपन का शिकार 100% हो सकते हैं। इतना ही नहीं ये आपके पूरे दिमाग को खराब कर सकता है।
जी हां आप इस बात को जानते ही होंगे कि आपके कान के परदे आपके दिमाग के साथ कितने कनैकटिड होते हैं और जब कभी भी आप हैडफोन का इस्तेमाल करते हैं तो ये हैडफोन एक इलैक्ट्रानिक सिगनल रिलीज़ करता है और आपका दिमाग इन्हीं इलैक्ट्रानिक सिगनलस को रिसीव करता है उन्हे कैपचर करता है।

Why earphone harmful बचाव कैसे करे :
लेकिन ये इलैक्ट्रानिक सिगनल आपके दिमाग के लिए बहुत ज्यादा घातक हो सकते हैं। इन हैडफोन से निकलने वाली इलैक्ट्रानिक तरंगे आपके दिमाग में बहुत सारी बिमारीयां पैदा कर सकती हैं। और आप इस बात को जानकर हैरान हो जाएंगे कि ऐसे भी कई केसिज़ देखे गये हैं जहां पर इन हैडफोन का इस्तेमाल करने से लोगों को बड़ी बड़ी तरह की दिमागी बीमारीयाँ हुई हैं
तो ये हैडफोन से निकलने वाले इलैक्ट्रानिक सिगनलस आपके दिमाग के लिए बिलकुल भी सही नहीं हैं। और इन सब के इलावा आज के समय जो सबसे बड़ी प्राबलम है वो हे सड़क दुर्घटनाए। जी हां, इन हैडफोन की वजह से सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाए होती हैं। अकसर लोग बाईक पर यां जागिंग करते वक्त हैडफोन लगाकर घूमना पसंद करते हैं |
उपाय है की जितना कम हो सके उपयोग करे :
लेकिन इससे होता ये है कि पीछे से आने वाले वाहनों की आवाज इन लोगों को सुनाई नहीं देती और ऐसे लोग अकसर किसी ना किसी दुर्घटना सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इसलिए सड़क पर चलते वक्त कभी भी हैडफोन का इस्तेमाल ना करे।
देखा जाए तो आज के समय बाजारों में मिलने वाले ये रंग बिरंगे हैडफोन यूथ के लिए फैशन सटेटमेंट बन चुके हैं लेकिन भले ही टैकनालजी कितनी भी आगे चली जाए बता दें कि हैडफोन आपके और आपके शरीर के लिए बिलकुल भी सही नहीं है।
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तो जितना हो सके इस अति महत्वपूर्ण आर्टिकल में जो संदेश दिया गया है हैडफोन के खिलाफ इसे शेयर करें फेसबुक पर वाट्सऐप पर यूट्यूब पर तांकि लोग हैडफोन से होने वाली बीमारीयों से बच सकें। मिलते हैं अगली ब्लॉग में तब आप सब का इस ब्लॉग में अंत तक बने रहने के लिए दिल से धन्यवाद।